विष्णुपद मंदिर, गया में स्थित है, और हिंदू धर्म में इसका विशेष धार्मिक महत्व है, खासकर पिंडदान के लिए। भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर में पिंडदान से मृतक आत्माओं की शांति और मोक्ष की मान्यता है। पौराणिक कथा के अनुसार, यहां भगवान विष्णु के पदचिह्न हैं। मंदिर में 40 सेंटीमीटर लंबा पदचिह्न है, जिसे भक्त श्रद्धा से पूजते हैं। पितृ पक्ष के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां पिंडदान के लिए आते हैं। इस अनुष्ठान में चावल, तिल और पवित्र जल अर्पित किए जाते हैं। विष्णुपद मंदिर की पवित्रता और धार्मिक महत्व इसे पिंडदान का प्रमुख केंद्र बनाते हैं।
विष्णुपद मंदिर का महत्व अत्यंत अधिक है। इस मंदिर में पिंडदान से मृतक आत्माओं की शांति और मोक्ष की मान्यता है। विष्णुपद मंदिर का महत्व अत्यंत अधिक है। इस मंदिर में पिंडदान से मृतक आत्माओं की शांति और मोक्ष की मान्यता है। विष्णुपद मंदिर का महत्व अत्यंत अधिक है। इस मंदिर में पिंडदान से मृतक आत्माओं की शांति और मोक्ष की मान्यता है।
विष्णुपद मंदिर की पूजा और दर्शन के कई लाभ हैं:
विष्णुपद मंदिर की विधि एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जिसमें श्रद्धालु भगवान विष्णु के चरणों की पूजा करते हैं। इस पवित्र विधि में विशेष रूप से पिंडदान और तर्पण की क्रियाएँ शामिल होती हैं, जो पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए की जाती हैं। गयाजी में स्थित विष्णुपद मंदिर में इस विधि को पूरी श्रद्धा और विधिपूर्वक सम्पन्न किया जाता है, जिससे भक्तों को आध्यात्मिक शांति और पुण्य की प्राप्ति होती है।